Tuesday, June 20, 2017

डर



होले  होले  थरथराती 
छनक छनक पायलिया बाँध 
आयी  मेघा बाँवरी बरसती हुई !
बिजली जब कौंध जाती थी 
सहम के टिप टिप गिरते थे 
आँसू उसकी ऊंची अटरिया से !



Copyright @ Ajay Pai  June 20 th 2017 

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