Thursday, February 23, 2017

हाँ, हूँ मैं नीलकंठ - Yes, I am Blue-throat-ed *

आज की रात अलौकिक
डमरू निनाद अभौमिक
मेरा शरीर नश्वर
मैं तुझमे विलीन

मैं नाही शिव
मैं नहीं निराकार
न मैं ब्रह्म

फिर क्यूँ दर्द में तपता है ये दिल मेरा
बहतें क्यूँ हैं आंसू जैसे गंगा की धार
रेंगता है क्यूँ  सर्प तन पे मेरे ऐसे
जैसे कि हूँ में शिव

कैसे समझाऊँ तुझे
मैं नहीं  शिव
मैं नहीं गंगाधर
न मैं नागभूषण

फिर हूँ मैं कौन?

हूँ मैं नीलकंठ
जिस को पिलाया विष इस दुनिया ने
सात  फेरों में
और अग्नि को साक्षी बनाके

हाँ,हाँ, हाँ
  अब लगने लगा है मुझे
कि हूँ मैं  नीलकंठ

© 2017 Ajay Pai (Reserved)  
Image courtesy : Google

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Lord Shiva, out of compassion, swallowed the poison. But he squeezed his throat to prevent the poison descending into his body. Thus the poison was stuck in Shiva's throat, and it was so potent that it changed the colour of Shiva's neck to blue.

This is how Lord Shiva got the name Neelkanth (neela = blue, kantha = throat)



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