या अल्लाह अर-रहीम
कितने सजदे
किये तेरे दर पे
इस नजिस ने!
आँसू रुकते नहीं
काँप उठती है रूह
सैलाब बनके फ़ैलती है
उसकी याद!
अब नूर-ए -रहम फरमा
और
आगोश में ले तेरे!
मेरा ज़मीर मेरा वजूद
तेरा है मौताज
रौनक बक्श दे अब
जनाज़ा उठने से पहले मेरा!
Copyright @ Ajay Pai 2017
Image courtesy: Pexels
मेरा ज़मीर मेरा वजूद
तेरा है मौताज
रौनक बक्श दे अब
जनाज़ा उठने से पहले मेरा!
Copyright @ Ajay Pai 2017
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